शराब बेचने वाली महिलाओं ने थामा झाड़ू, शहर को कर रहीं साफ, जानें वजह

गुमला शहर स्थित ललित उरांव बस पड़ाव में हड़िया दारू बेचने वाली महिलाओं को नशे के कारोबार से मुक्त कराकर रोजगार के अन्य साधनों से जोड़ा जा रहा है. नगर परिषद ने इस दिशा में पहल करते हुए नशे के कारोबार में संलिप्त महिलाओं को स्वच्छ भारत अभियान के तहत रोजगार उपलब्ध कराया है. अब इसी से उनका घर चल रहा है. वहीं, व्यवसाय में रुचि दिखाने वाली महिलाओं को भी नगर परिषद मदद की करने की तैयारी कर रहा है.


दरअसर, जिला मुख्यालय स्थित ललित उरांव बस पड़ाव में महिलाएं लंबे समय से हड़िया दारू का कारोबार कर रही थी. अभियान चलाकर वहां से हटाया जाता, लेकिन वे फिर से कारोबार में संलिप्त हो जाती थी. ऐसे में इन महिलाओं को नगर परिषद के कार्यालय में बुलाकर उनसे बातचीत की गई. उन्हें नशा के कारोबार को छोड़ मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया. उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर आश्वस्त किया गया. इसके बाद महिलाएं नशे के कारोबार से खुद को अलग करने को तैयार हो गईं.


उपायुक्त ने महिलाओं को किया सम्मानित

उपायुक्त सुशांत गौरव ने नगर परिषद की ओर से शहर में सकारात्मक माहौल बनाने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. साथ ही नशे का कारोबार छोड़कर स्वच्छता अभियान को अपनाने वाली एक दर्जन महिलाओं को शॉल प्रदान कर उन्हें सम्मानित भी किया. वहीं, नशे का कारोबार छोड़ स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी बिगनी देवी ने बताया कि पेट भरने के लिए शराब बेचा करती थी, लेकिन अब रोजगार मिल गया है तो इससे खुश हैं.


व्यापार करने वालों को मिलेगा 6 लाख तक लोन

कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि नशे के कारोबार कें संलिप्त महिलाएं काउंसिलिंग के बाद मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार हुई. कुछ महिलाओं को स्वच्छ भारत अभियान के तहत रोजगार दिया गया है. वहीं, व्यापार में रुचि दिखाने वालों को शहरी आजीविका मिशन के तहत 6 लाख तक का ऋण व फूलो झानो योजना के तहत ब्याज रहित 25,000 रुपए तक का ऋण देने की बात कही गई है.

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